-
1163
छात्र -
1062
छात्राएं -
75
कर्मचारीशैक्षिक: 67
गैर-शैक्षिक: 8
परिकल्पना
- के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
उद्देश्य
- शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।

पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-1,भोपाल
उत्पत्ति
पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, भोपाल मैदा मिल अग्रणी केंद्रीय विद्यालयों में से एक है, जिसकी स्थापना 1964 में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा की गई थी। प्रारंभ में, स्कूल अपने परिसर में स्थानांतरित होने से पहले तीन साल तक एक अस्थायी भवन में कार्य करता था।.
विद्यालय का दृष्टिकोण
पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, भोपाल में, हम शिक्षा को रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने, मूल्यों को स्थापित करने, सर्वोत्तम क्षमताओं को विकसित करने और प्रतिभा का पोषण करने के एक उपकरण के रूप में देखते हैं। हमारा लक्ष्य भारत के सुसज्जित और जिम्मेदार नागरिक तैयार करना है।.
विद्यालय का उद्देश्य
पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय नंबर 1, भोपाल, 1965 में स्थापित, का लक्ष्य है:- केंद्रीय विद्यालय संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार, रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करें। नवाचार और प्रयोग के लिए एक मंच प्रदान करना
संदेश

आयुक्त, सुश्री प्राची पाण्डेय, आईए & एएस
प्रिय शिक्षकवृंद,
शिक्षक दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
शिक्षक केवल शैक्षणिक मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि बच्चे के भविष्य के निर्माता होते हैं। प्रथम अक्षर लिखने से लेकर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों तक वे धैर्य,सहानुभूति और सहयोग के साथ प्रत्येक कदम पर साथ चलते हैं। वे केवल मस्तिष्क ही नहीं,बल्कि मूल्य,सपने और आकांक्षाएँ भी गढ़ते हैं,जो हमारे राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती हैं।

श्रीमती शाहिदा परवीन
उपायुक्त
प्रिय विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं समस्त केंद्रीय विद्यालय परिवार, सप्रेम नमस्कार। केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग की वेबसाइट पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है। यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल सूचना और संसाधनों का केंद्र है, अपितु यह हमारे साझा शैक्षिक दृष्टिकोण, मूल्यों और प्रयासों का प्रतिबिंब भी है। मुझे यह संदेश साझा करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग, केविसं (मु०) नई दिल्ली के दिशा-निर्देशन में निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के उच्चतम मानदंडों को स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। भारत जैसे विविधता-सम्पन्न देश में शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं है, यह सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों, और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध की भावना का संवाहक भी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना 1963 में भारत सरकार द्वारा इस उद्देश्य से की गई थी कि सैनिकों, अर्धसैनिक बलों, केंद्रीय कर्मचारियों और अन्य स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और एकसमान शिक्षा प्रदान की जा सके। आज KVS न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी शिक्षा की एक सशक्त शृंखला बन चुका है, जिसमें लाखों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और हजारों शिक्षक उन्हें ज्ञान, संस्कार और जीवन के मूल्य सिखा रहे हैं। हमारे देश की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान करती है। यह केवल पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली में सुधार की बात नहीं करती, बल्कि यह समावेशी, बहु-विषयक, और छात्र-केंद्रित शिक्षा की बात करती है। KVS ने NEP 2020 के मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाते हुए कई महत्त्वपूर्ण पहलें प्रारंभ की हैं: • Foundational Literacy and Numeracy (FLN) को प्राथमिक कक्षाओं में लागू करना। • बहु-भाषिकता को प्रोत्साहन देना। • कला एकीकरण (Art Integration) और खेल आधारित शिक्षा (Sports Integration) को कक्षा शिक्षण में समाहित करना। 21वीं सदी के कौशल जैसे कि आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान, रचनात्मकता और डिजिटल साक्षरता पर बल देना। ये सभी प्रयास विद्यार्थियों को न केवल परीक्षा के लिए, बल्कि जीवन के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हमारे कार्यरत शिक्षकगण न केवल ज्ञान के दाता हैं, बल्कि वे एक संरक्षक, मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका भी निभाते हैं। एक शिक्षक की भूमिका अब केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने तक सीमित नहीं रह गई है। वे विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं, उन्हें आत्म-शिक्षण के लिए प्रेरित करते हैं, और एक उत्तरदायी नागरिक के रूप में ढालते हैं। हमारे शिक्षकगण निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और नवाचारों के माध्यम से अपने शिक्षण को अद्यतन और प्रभावी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यालयों में ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं, जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर समर्पित रहते हैं। KVS के विद्यार्थी पूरे देश में अपनी योग्यता, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के लिए पहचाने जाते हैं। विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन, विज्ञान, खेल, कला, और संस्कृति के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ, तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर KVS के छात्रों की उपस्थिति हमें गर्व से भर देती है। हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी की विशेषताओं और रुचियों को समझते हुए उन्हें उस दिशा में अवसर प्रदान किए जाएँ, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकें। विद्यालयों में अब केवल किताबी ज्ञान पर ज़ोर नहीं, बल्कि समग्र विकास (Holistic Development) को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्तमान युग डिजिटल क्रांति का युग है। शिक्षा भी इससे अछूती नहीं रही है। विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान, KVS ने तकनीक को अपनाते हुए ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय पहल की। हमने ई-कंटेंट, वर्चुअल क्लासरूम्स, शिक्षकों द्वारा बनाए गए डिजिटल संसाधन, और स्वयं पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्म्स को प्रभावी रूप से अपनाया। भविष्य में भी हम तकनीक के माध्यम से शिक्षण और अधिगम को और अधिक रोचक, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे विद्यालयों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए ATL (Atal Tinkering Labs), Coding Clubs, Robotics Workshops जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। KVS प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत महत्त्व देता है। विद्यालय प्रबंधन समितियों में अभिभावकों की भागीदारी, विद्यालय स्तर पर खुली बैठकों का आयोजन, और अभिप्राय संग्रहण की प्रक्रिया हमें हमारी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। हम अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वे विद्यालय की गतिविधियों में सक्रिय भाग लें, शिक्षकों से संवाद बनाए रखें और अपने बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करें। KVS का लक्ष्य न केवल अकादमिक उत्कृष्टता है, बल्कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था का निर्माण करना है जो: • विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक बनाए, • उनमें संवेदनशीलता और सहानुभूति का भाव विकसित करे, • उन्हें नवाचार और उद्यमिता की ओर प्रेरित करे, • तथा भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात करते हुए आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाए। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे विद्यालय "ज्ञान, चरित्र और सेवा" के त्रिसूत्रीय मंत्र को आत्मसात करें और एक ऐसे भारत के निर्माण में योगदान दें जो शिक्षित, सशक्त और समृद्ध हो। अंत में, मैं सभी विद्यार्थियों को यह संदेश देना चाहती हूँ कि अपने सपनों को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम, अनुशासन और आत्म-विश्वास को अपना साथी बनाइए। हर चुनौती आपके लिए एक अवसर है, और हर असफलता सीखने की एक सीढ़ी। शिक्षकों से अपेक्षा करती हूँ कि वे विद्यार्थियों के जीवन को मूल्यवान और अर्थपूर्ण बनाने में अपनी भूमिका को दृढ़ता से निभाएँ। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे विद्यालय के साथ मिलकर एक सशक्त भविष्य निर्माण में सहयोग करें। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे शैक्षिक वातावरण का निर्माण करें जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी स्वाभिमानी, सक्षम और संवेदनशील नागरिक बनकर राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सके। धन्यवाद। (श्रीमती शाहिदा परवीन) उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन भोपाल संभाग
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गौरव कुमार द्विवेदी
प्राचार्य
मेरा मानना है कि जहाँ हम जीवन में चुनौतियों का सामना करते हैं वह हमारी अपनी शक्ति से कहीं आगे हैं, पर यह आपके विश्वास, आंतरिक शक्ति और साहस का निर्माण करने का अवसर है। मैंने यह जान लिया है कि हम जिस तरह से चुनौतियों को हराते हैं, उनके परिणाम में एक बड़ी भूमिका निभाता है। "साशा अजीवेदो"।
और पढ़ेंअद्यतनीकरण
चीजों का अन्वेषण करें
शैक्षिक योजना
शैक्षणिक योजना सीखने की प्रक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसमें शैक्षिक लक्ष्यों
शैक्षिक परिणाम
दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए विद्यालय सीबीएसई परिणाम विश्लेषण।
बालवाटिका
बालवाटिका:- केंद्रीय विद्यालयों में प्री स्कूल शिक्षा।
निपुण लक्ष्य
समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल।
शैक्षणिक सुधार हेतु कार्यक्रम (सीएएलपी)
विद्यालय नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए शरद अवकाश के दौरान
अध्ययन सामग्री
अध्ययन सामग्री पाठ्यपुस्तकों, नोट्स, अभ्यास समस्याओं और ऑनलाइन संसाधनों जैसे
कार्यशालाएँ एवं प्रशिक्षण
कार्यशाला का उद्देश्य ऐसे प्रस्तुतकर्ताओं के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान
छात्र परिषद
विद्यार्थी परिषद का उद्देश्य छात्रों को स्कूल की गतिविधियों और सेवा परियोजनाओं को
अपने स्कूल को जानें
पीएमश्री के.वी. क्रमांक 1 भोपाल, शिक्षा का गढ़, छह दशकों से अधिक समय से स्कूली
अटल टिंकरिंग लैब
इस योजना का उद्देश्य युवा मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देना है
डिजिटल भाषा लैब
यह एलएसआरडब्ल्यू (सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना) पद्धति पर आधारित भाषा
आईसीटी - ई-क्लासरूम और लैब्स
आईसीटी बुनियादी ढांचे में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क, डेटा सेंटर, सुविधाएं
पुस्तकालय
एक स्कूल पुस्तकालय स्कूल के भीतर का पुस्तकालय है जहां सार्वजनिक या निजी स्कूल
लैब्स - भौतिकी/रसायन विज्ञान/जीवविज्ञान
प्रयोगशालाएँ छात्रों को विशिष्ट प्रकार के प्रयोगों को संचालित करने और उनकी व्याख्या
भवन एवं बाला पहल
बाला स्कूल के बुनियादी ढांचे की समग्र रूप से योजना बनाने और उसका उपयोग करने का
खेल अवसंरचना (खेल के मैदान)
जमीनी स्तर पर बेहतर खेल बुनियादी ढांचे का मतलब है कम उम्र से ही प्रतिभा की पहचान
एसओपी/एनडीएमए
आपदा के मामले में विशिष्ट आपातकालीन प्रतिक्रिया गतिविधि को समझने के लिए
खेल
खेल में नियमों के एक सेट के भीतर की जाने वाली और अवकाश या प्रतियोगिता के हिस्से
एनसीसी एनसीसी/स्काउट एवं गाइड
एनसीसी एक सैन्य शैली का कार्यक्रम है जो शारीरिक फिटनेस, अनुशासन और टीम वर्क
शिक्षा भ्रमण
बच्चों को एक अलग वातावरण में एक-दूसरे के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करें।
ओलम्पियाड
सर्वोत्तम क्षमता, प्रतिभा, योग्यता और आईक्यू वाले असाधारण छात्रों का चयन करने के लिए
प्रदर्शनी - एनसीएससी/विज्ञान/आदि
संदेश को संप्रेषित करने के लिए आकर्षक और आकर्षक डिस्प्ले बनाएं।
एक भारत श्रेष्ठ भारत
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की जोड़ी की
हस्तकला या शिल्पकला
हाथ से सजावट और व्यावहारिक उपयोग के लिए वस्तुएं बनाने का कौशल।
मजेदार दिन
पूरे दिन के तनाव और रोजमर्रा के काम को पीछे छोड़कर आराम करने और मौज-मस्ती
युवा संसद
भारत में स्थित एक उदार सार्वजनिक नीति थिंक-टैंक जो उन विचारों और नीतियों
पीएम श्री स्कूल
पीएम श्री स्कूल भारत सरकार द्वारा एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
कौशल शिक्षा
कौशल शिक्षा व्यावहारिक कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है जो वास्तविक दुनिया की स्थितियों
मार्गदर्शन एवं परामर्श
मार्गदर्शन आमतौर पर परामर्श या अन्य समस्या-समाधान के माध्यम से किसी का
सामाजिक सहभाग
सामाजिक और सामुदायिक भागीदारी से तात्पर्य अपने समुदायों और व्यापक समाज
विद्यांजलि
विद्यांजलि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है
प्रकाशन
प्रकाशन जनता से संवाद करने के लिए किया गया कुछ है।
समाचार पत्र
न्यूज़लेटर एक समय-समय पर भेजा जाने वाला ईमेल है जो आपके दर्शकों को आपके उत्पादों
विद्यालय पत्रिका
स्कूल पत्रिका ऐसी शिक्षा का एक साधन है। मैं बच्चों और विद्यालय के बेहतर भविष्य
देखें क्या हो रहा है ?
छात्रों के बारे में समाचार और कहानियाँ, और पूरे स्कूल में नवाचार

03/09/2023
समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) जानने में सक्षम बनाना है।
और पढ़ेंउपलब्धियाँ
शिक्षक
विद्यार्थी
नवप्रवर्तन
निपुण भारत मिशन

03/09/2023
निपुण भारत मिशन के माध्यम से कक्षा 3 से कक्षा 6 तक के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा।
और पढ़ेंहमारे विद्यालय के अव्वल छात्र
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं और बारहवीं
कक्षा 10 वीं
कक्षा 12वीं
विद्यालय परिणाम
वर्ष 2020-21
परीक्षार्थी 221 उत्तीर्ण 221
वर्ष 2021-22
परीक्षार्थी 194 उत्तीर्ण 185
वर्ष 2022-23
परीक्षार्थी 178 उत्तीर्ण 177
वर्ष 2023-24
परीक्षार्थी 179 उत्तीर्ण 176
वर्ष 2024-25
परीक्षार्थी 185 उत्तीर्ण 185
सत्र 2020-21
परीक्षार्थी 195 उत्तीर्ण 195
सत्र 2021-22
परीक्षार्थी 206 उत्तीर्ण 192
सत्र 2022-23
परीक्षार्थी 221 उत्तीर्ण 203
सत्र 2023-24
परीक्षार्थी 152 उत्तीर्ण 147
सत्र 2024-25
परीक्षार्थी 178 उत्तीर्ण 178